टॉक्सिक दोस्तों से कैसे निपटें? | Dealing with Toxic Friends Gracefully



कभी-कभी दोस्ती में सब कुछ सही होते हुए भी दिल में एक अजीब सा खिचाव महसूस होता है। जैसे कोई बात खटक रही हो, लेकिन ठीक से समझ नहीं आ रही हो। हम साथ हँसते हैं, साथ वक्त बिताते हैं, फिर भी अंदर ही अंदर थकने लगते हैं। कुछ दोस्त ऐसे होते हैं जो सामने से तो अपने लगते हैं, लेकिन उनकी बातें और उनका बर्ताव धीरे-धीरे हमें अंदर से कमजोर करने लगता है। और सबसे मुश्किल होता है ये मानना कि शायद वो दोस्त हमारे लिए सही नहीं है। यही वो पल होता है जहां हमारे भीतर एक ख़ामोश जंग शुरू हो जाती है, और यहीं से शुरू होती है टॉक्सिक दोस्ती (Toxic Friendship) को समझने और संभालने की ज़रूरत।

सबसे पहले पहचानो कि दोस्ती टॉक्सिक है

Toxic दोस्त की सबसे बड़ी पहचान होती है कि वो आपकी भावनाओं को लगातार नजरअंदाज करता है। हर बार उसके साथ वक्त बिताने के बाद आप थका हुआ, परेशान या खुद पर शक करता हुआ महसूस करते हो। वो आपकी सफलता का मज़ाक उड़ाएगा, आपकी गलतियों को बार-बार याद दिलाएगा और आपको हमेशा  नीचा दिखाने की कोशिश करेगा। ये सब संकेत हैं कि वो दोस्ती आपको नुकसान पहुँचा रही है।

अपनी बॉउंडरीस बनाना सीखो

हर रिश्ते में कुछ सीमायें होती हैं, और toxic लोगों के साथ तो boundaries और भी ज़रूरी हो जाती हैं। अगर कोई बार-बार आपको emotionally hurt कर रहा है, आपकी energy drain कर रहा है तो आपको एक invisible wall बनानी होगी। अगर ज़रुरत हो तो आपको साफ-साफ बोलना पड़ेगा कि आप क्या बर्दाश्त नहीं कर सकते। कुछ बातों में ‘ना’ कहना भी सीखना होगा, और मिलने-जुलने में दूरी भी बनानी होगी।

खुद को दोषी मत मानो

टॉक्सिक दोस्तों की सबसे चालाक बात होती है एक तरह का गिल्ट ट्रैप (guilt trap) जिसमे वो आपको ही ऐसा महसूस करातें हैं कि गलती आपकी ही है, कि आप ही ज़्यादा sensitive हो, या आपने ही कुछ गलत समझ लिया है। लेकिन अगर आपका मन बार-बार कह रहा है कि कुछ ठीक नहीं है, तो उस आवाज़ पर भरोसा करो। ये आपकी गलती नहीं है कि कोई इंसान आपकी भावनाओं की कदर नहीं कर पा रहा है।

दूरी बनाना भी एक बहादुरी है

हर रिश्ते को संभालना ज़रूरी नहीं होता। हर लड़ाई face-to-face लड़नी ज़रूरी नहीं होती। कुछ battles silently दूर होकर भी जीती जाती हैं। अगर कोई दोस्त आपकी self-respect, peace of mind और growth में रुकावट बन रहा है, तो उस रिश्ते से दूर जाना एक समझदारी भरा कदम है। आप बातचीत कम कर सकते हो, टाल सकते हो या पूरी तरह disconnect कर सकते हो। ये आपकी ज़िंदगी है, और आपको ही तय करना है कि उसमें कौन लोग रहेंगे। Calls कम करो, messages ignore करो, और अपनी energy उन लोगों पर लगाओ जो तुम्हारी growth चाहते हैं।

हिम्मत मत हारना 

टॉक्सिक दोस्ती एक slow poison की तरह होती है—शुरू में असर कम दिखता है, लेकिन धीरे-धीरे वो आपकी self-esteem को खा जाती है। इसलिए ज़रूरी है कि खुद को priority दो, अपने mental peace को importance दो, और ऐसे रिश्तों से बाहर निकलने की हिम्मत रखो।

क्या आपने कभी किसी toxic दोस्त को अपनी ज़िंदगी से दूर किया है? या फिर आप अभी किसी ऐसे ही दोस्त से deal कर रहे हैं? अपने experience comments में ज़रूर share करो।

सच्चे दोस्त वो नहीं होते जो हमेशा साथ रहते हैं, बल्कि वो होते हैं जो तुम्हें अपनी वैल्यू कभी भूलने नहीं देते।






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